चमोली की आरक्षित सीट थराली पर भी युवाओं ने अपनी दावेदारी को पुख्ता बता कर संयुक्त रूप से कांग्रेस हाईकमान के सामने अपनी मंशा की जाहिर
चमोली की आरक्षित सीट थराली पर भी युवाओं ने अपनी दावेदारी को पुख्ता बता कर संयुक्त रूप से कांग्रेस हाईकमान के सामने अपनी मंशा की जाहिर ।
(सुनित चौधरी/तहलका यूके न्यूज/रुद्रप्रयाग)
थराली। प्रदेश में चुनावी शंखनाद हो चुका है और राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों के नाम अभी तय नहीं हो पाए हैं, ऐसे में कई सीटों पर अब बगावत के सुर भी उभरने लग गए हैं चमोली की आरक्षित सीट थराली पर भी युवाओं ने अपनी दावेदारी को पुख्ता बता कर संयुक्त रूप से कांग्रेस हाईकमान के सामने अपनी मंशा जाहिर कर दी है।
चमोली में मौजूदा तौर पर तीन विधानसभा सीटें हैं जिनमें से थराली आरक्षित सीट है सीट पर पूर्व में दो बार भाजपा का कब्ज़ा रहा है तो वर्ष 2012 में कांग्रेश ने जीत हासिल की है कांग्रेश के पास बड़े चेहरे के तौर पर पूर्व विधायक प्रोफेसर जीतराम टम्टा हैं मगर स्थानीय कांग्रेसियों की माने तो प्रोफेसर साहब क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहते हैं और विजिटिंग प्रतिनिधि के तौर पर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं प्रोफेसर साहब विगत 40 वर्षों से नैनीताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं जिससे क्षेत्र की हर छोटी-बड़ी समस्याओं के लिए स्थानीय लोगों को कई दिक्कतों के साथ जूझना पड़ता है
लंबे समय से क्षेत्र में कांग्रेश के सिपाही के तौर पर जनसेवा में जुटे पूर्व जिला पंचायत सदस्य महेश शंकर त्रिकुटी, क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रताप राम व कांग्रेश अनुसूचित जाति पूर्व प्रदेश संयोजक संदीप कुमार पटवाल ने हाईकमान के सामने अपनी संयुक्त दावेदारी पेश की है तीनों नेताओं का कहना है कि युवाओं को मौका मिलना चाहिए मौजूदा समय में थरारी सीट पर कांग्रेश के पक्ष में जनता का पूरा रुझान है और जनता युवा चेहरे को अपना प्रतिनिधि बनाना चाहती है कांग्रेश नेताओं का कहना है कि पूर्व विधायक की क्षेत्र में सक्रियता कम है और बढ़ती उम्र के चलते हुए क्षेत्र में ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं साथ ही प्रोफेसर साहब प्रदेश में कांग्रेस का एक बड़ा दलित चेहरे के तौर पर भी हैं ऐसे में हाईकमान को उन्हें किसी अन्य सीट से चुनाव मैदान में उतारना चाहिए तीनों नेताओं ने संयुक्त रुप से कहा कि कांग्रेस हाईकमान को निर्णय करना चाहिए कि तीनों दावेदारों में से किसी एक को सीट पर मौका दिया जाए जिससे थराली सीट कांग्रेस की झोली में आ सके टिकट वितरण में हो रही देरी से अब साफ है कि दावेदारों में भी बेचेनिया बढ़ने लग गई हैं युवाओं ने जहां अपनी दावेदारी से आलाकमान को आगाह कर दिया है वही थराली सीट पर युवाओं को मौका नहीं मिलता है तो सीट पर बगावत की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
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