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केदारनाथ धाम में दर्शन को आई युवती से छेड़छाड़, खाकी पर ही लगा आरोप,सोनप्रयाग कोतवाली में मुकदमा दर्ज।

केदारनाथ धाम में दर्शन को आई युवती से छेड़छाड़, खाकी पर ही लगा आरोप,सोनप्रयाग कोतवाली में मुकदमा दर्ज।







रुद्रप्रयाग

Tehelka uk न्यूज

रुद्रप्रयाग ।प्रदेश मे एकाएक महिला उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे है। उत्पीड़न के आरोप भी उन पर लग रहे है जिनके जिम्मे महिला अपराध की रोकथाम है। पंतनगर मे हुई घटना के बाद अब रुद्रप्रयाग से एक युवती को चौकी की महिला पुलिस कैंप मे रोक क़र शराब के नशे मे दरोगा द्वारा छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है। युवती ने चौकी इंचार्ज केदारनाथ पर भी महिला पुलिस कैंप का दरवाज़ा बंद करने का आरोप लगाया है । युवती मध्यप्रदेश से केदारनाथ धाम दर्शन के लिए आयी थी। अब एक साल बाद मामले मे मुकदमा दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश निवासी एक युवती ने शिकायत कर बताया कि वह बीते साल 26 मई को पैदल कैदारनाथ दर्शन के लिए आयी थी । दर्शन के बाद उनको हेलीकाप्टर से वापस आना था। परन्तु मौसम ख़राब होने की वजह से हेलीकाप्टर सेवा बंद हो गई। जिस कारण उन्होंने वही रुक कर होटल तलाश किए। होटल खाली ना मिलने के बाद उन्होंने चौकी प्रभारी केदारनाथ मंजुल रावत से सम्पर्क किया। चौकी प्रभारी ने उनको महिला पुलिस पुलिस कैंप मे रुकने को कहा और आश्वासन दिया कि उनके साथ एक महिला कांस्टेबल भी रुकेगी। लेकिन देर रात तक कोई महिला कांस्टेबल वहा नहीं आयी। जिसके बाद शराब के नशे मे दरोगा कुलदीप सिंह ने उनके साथ गंदी हरकते की। आरोप है कि जब युवती ने अपने परिजनों को फ़ोन मिलाने का प्रयास किया तो कुलदीप ने युवती के साथ ज़बरदस्ती करने लगा और चौकी प्रभारी मंजुल रावत ने बाहर से महिला कैंप का दरवाज़ा बंद कर दिया। जिसके बाद बड़ी मुश्किल से युवती ने कैंप से बाहर निकल क़र अपनी जान बचाई। वही, सोनप्रयाग पुलिस ने मंजुल रावत व कुलदीप सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ की धराओ मे मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही दोनों को सस्पेंड भी कर दिया गया है।


महिलाओं से अभद्रता में पुलिसकर्मियों का नाम आया तो होगा मुकदमा, डीजीपी ने जारी किए आदेश


डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि महिलाओं से दुर्व्यवहार और अनैतिक कार्यों में किसी भी पुलिसकर्मी की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महिला सुरक्षा उत्तराखंड पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। पुलिसकर्मियों की यदि इसमें संलिप्तता सामने आती है तो इससे पुलिस की छवि धूमिल होती है। यही नहीं इससे आम जनमानस और महिलाओं में प्रतिकूल संदेश भी जाता है। पुलिस की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होती है। लिहाजा, अब सीधे आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ जांच के बाद मुकदमा भी दर्ज किया जाए।

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