अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तहत महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु कृषि एवं कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित*,*कौशल विकास और स्वरोजगार को दिया जा रहा बढ़ावा
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तहत महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु कृषि एवं कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित*,*कौशल विकास और स्वरोजगार को दिया जा रहा बढ़ावा
(Tehelka uk न्यूज)
सहकारिता: महिलाओं के सशक्तिकरण का सशक्त माध्यम,नए सहकारी संगठन और महिला क्लब का हुआ गठन
रुद्रप्रयाग। सहकारिता विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अंतर्गत महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक विशेष कृषि एवं कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अगस्त्यमुनि के ब्लॉक सभागार में संपन्न हुआ, जिसमें महिला किसान, महिला समूह, स्वयं सहायता समूह, स्वायत्त सहकारिताएं, सहकारिता सदस्य और महिला मंगल दल की महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उन्हें कृषि और स्वरोजगार के क्षेत्र में प्रशिक्षित करना और सहकारिता के माध्यम से उनके सामाजिक एवं आर्थिक विकास को सशक्त करना था।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता सहायक निबंधक सहकारिता मोनिका चुनेरा ने सहकारिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे सहकारिता महिलाओं को सशक्त करने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG) 5 - लिंग समानता (Gender Equality) को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध हो सकती है। उन्होंने सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं और उत्तराखंड के सफल सहकारी संस्थानों के उदाहरणों के माध्यम से महिलाओं को यह समझाने का प्रयास किया कि सहकारिता के नीतिगत समावेशी निर्णय और विभिन्न योजनाएं महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ उनके ज्ञान, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास में सहायक सिद्ध हो रही हैं।
इस कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण निर्णय यह लिया गया कि ग्राम पंचायत मणिगु की महिलाओं के लिए एक नई बहुद्देशीय महिला ग्रामीण पैक्स (Primary Agricultural Credit Society - PACS) मणिगु के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। यह पहल महिलाओं को सहकारी संगठनों से जोड़ने और उनके आर्थिक उत्थान में मदद करने के लिए की गई।साथ ही, उपस्थित महिलाओं ने मिलकर "सहकारी महिला क्लब" बनाने का भी निर्णय लिया। यह क्लब महिलाओं को एक साझा मंच प्रदान करेगा, जहां वे अपने ज्ञान, प्रशिक्षण और सफलताओं को साझा कर सकेंगी, एक-दूसरे से सीख सकेंगी और सहकारिता के क्षेत्र में नवाचार कर सकेंगी।
कार्यक्रम के दौरान सहकारिता की महिला समूहों द्वारा ‘दीनदयाल जीरो परसेंट लोन’ योजना के माध्यम से स्वरोजगार स्थापित करने की सफल कहानियां साझा की गईं।ग्राम प्रधान श्रीमती बीना राणा ने अपनी सफलता की कहानी बताते हुए कहा कि कैसे उन्होंने सहकारी समिति से ऋण प्राप्त कर सब्जी उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया और अब वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं। उनकी इस सफलता से अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिली।कार्यक्रम में उद्योग विभाग के सहायक प्रबंधक श्री भजन सिंह नेगी ने कौशल विकास योजनाओं की जानकारी देते हुए महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत महिलाएं छोटे उद्योग स्थापित कर सकती हैं, जिसमें वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और विपणन सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है।इस दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी अपनी योजनाओं की जानकारी दी और महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ने का आह्वान किया।
इस दौरान कार्यक्रम में सहायक निबंधक सहकारिता मोनिका चुनेरा,उद्योग विभाग के सहायक प्रबंधक भजन सिंह नेगी,सहकारिता विभाग के अपर सहायक निबंधक रणजीत सिंह राणा,कृषि विभाग के एडीओ एस.एस. शाह,ग्राम प्रधान, डांगी बीना राणा,सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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