अप्रब राजकीय महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
अप्रब राजकीय महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन ।
(तहलका यूके न्यूज रुद्रप्रयाग)
अगस्त्यमुनि।अप्रब राजकीय महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विभिन्न विषय विशेषज्ञ ऑनलादन के साथ साथ ऑफलाइन भी जुड़े। उत्तराखण्ड स्टेट काउंसिल फॉर साइन्स एण्ड टेक्नोलॉजी (यूकोस्ट) के सहयोग से महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि आज आवश्यकता केवल बौद्धिक संपदा के अधिकार की है बल्कि समुदाय संपदा का संरक्षण होना भी जरूरी है। उत्तराखण्ड के परिपेक्ष में तो यह बेहद जरूरी है।
इससे हमारा पौराणिक ज्ञान संरक्षित होगा जिसका लाभ पूरे समाज को मिल सकेगा। साथ ही हमारे समुदाय के अधिकारों को भी संरक्षण मिलेगा। इससे पूर्व महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो0 पुष्पा नेगी द्वारा सभी अतिथियों एवं विशेषज्ञों का स्वागत एवं आभार प्रकट किया गया। कार्यशाला की आवश्यकता बताते हुए कार्यक्रम के संयोजक वनस्पति विज्ञान के सहायक प्रो0 डॉ केपी चमोली ने कहा कि मनुष्य अपनी बुद्धि से कई अविष्कार और नई रचनाओं को जन्म देता है। उन विशेष आविष्कारों पर उसका पूरा अधिकार होना चाहिए।
परन्तु इस अधिकार का संरक्षण हमेशा चिन्ता का विषय रहा है। कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले विषय विशेषज्ञ इसी विषय पर चर्चा परिचर्चा करेंगे। चर्चा का शुभारम्भ करते हुए पीजी कालेज अगस्त्यमुनि के सेनि प्राचार्य प्रो0 जीएस रजवार ने कहा कि बौद्धिक संपदा को सुरक्षित करने के लिए पेटेण्ट, कॉपी राइट जैसी व्यवस्था की गई है। जहां पंजीकरण कर आप अपनी बौद्धिक संपदा पर अधिकार प्राप्त कर सकते है। अन्यथा कोई भी अन्य व्यक्ति आपके आविष्कार अथवा रचना को अपना बताकर उसका सम्पूर्ण लाभ प्राप्त कर लेगा।
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए यूकोस्ट की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अपर्णा शर्मा ने कहा कि बौद्धिक संपदा के संरक्षण का लाभ हमारे स्थानीय लोगों को मिलेगा और उनकी आर्थिकी में सुधार होगा। हेनब गढवाल केन्द्रीय विवि में र्प्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो0 आरके मैखुरी ने कहा कि हमारे ट्रेडिशनल उत्पादों का संरक्षण करने की आवश्यकता है। हमारे पारम्परिक परिवेश में ज्ञान का बहुत बड़ा भण्डार भरा है जिस तक अभी हमारी पहुंच नहीं हो पाई है। अगर सही ढ़ग से उसका संरक्षण कर सहेजा जाय तो पूरे विश्व को लाभ मिल सकता है।
गुरू गोबिन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विवि नई दिल्ली के सहायक प्रो0 डॉ एम सक्थीवेल ने बौद्धिक संपदा अधिकार के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कॉपी राइट, पेटेण्ट, ट्रेडमार्क आदि में भिन्नता के बारे न केवल बताया बल्कि कानून में इसके संरक्षण के लिए प्रावधानों को भी विपस्तार से बताया। उच्च शिक्षा निदेशक प्रो0 पीके पाठक ने महाविद्यालय की प्राचार्या एवं वनस्पति विज्ञान विभाग के प्राध्यापकों को राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन पर बधाई दी। सहायक प्रो0 डॉ हरिओम शरण बहुगुणा द्वारा सभी आगन्तुक अतिथियों एवं ऑनलाइन जुड़े विषय विषेषज्ञों का आभार जताया। इस मौके पर डॉ अखिलेश्वर द्विवेदी, डॉ डीएस बिष्ट, डॉ जितेन्द्र, डॉ आबिदा, डॉ ममता शर्मा, डॉ निधि छावड़ा, डॉ शशिबाला पंवार सहित महाविद्यालय के समस्त पा्रध्यापक एवं छात्र छात्रायें मौजूद थे।
No comments